रैगिंग पर लगाम
लगाने के लिए सरकार और कानून पूरी तरह से सख्त है फिर भी रैगिंग थमने का नाम नही
लेती, लिहाजा इसका शिकार मासूम और निर्दोष छात्र
होते हैं।
रैगिंग की शुरुआत कब हुई या कैसे हुई इसका जिक्र इतिहास के पन्नों मे भी नहीं है। देखा जाए तो रैगिंग सीनियर छात्रों द्वारा अपने जूनियर छात्रों से या संस्थान परिसर में आये नये छात्रों से परिचय लेने का तरीका है। रैगिंग सीनियर छात्र इसलिए लेते हैं ताकि
रैगिंग की शुरुआत कब हुई या कैसे हुई इसका जिक्र इतिहास के पन्नों मे भी नहीं है। देखा जाए तो रैगिंग सीनियर छात्रों द्वारा अपने जूनियर छात्रों से या संस्थान परिसर में आये नये छात्रों से परिचय लेने का तरीका है। रैगिंग सीनियर छात्र इसलिए लेते हैं ताकि