Wednesday, February 25, 2015

कम्युनिटी कॉलेज – कॉलेज से कंपनी तक ।



शिक्षा समाज के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा से ही हम बेहतर समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकतें हैं। शिक्षा रोजगार का पर्याय बनता जा रहा है। आजकल हर छात्र शिक्षा या डिग्री प्राप्त कर जल्द से जल्द रोजगार पाना चाहतें हैं। वर्तमान में रोजगारोन्मुख शिक्षा की मांग तेजी से बढ़ रही है। सरकार भी रोजगारोन्मुख शिक्षा देने हेतु राज्य में कम्युनिटी कॉलेज खोल रही है।

कम्युनिटी कॉलेज के पाठ्यक्रम को कंपनी के जरुरत के हिसाब से तैयार किया जाता है ताकि यहां के छात्रों को कंपनी के मांग के अनुसार हुनरमंद बनाया जा सके। कम्युनिटी कॉलेज में दाखिला के लिए कोई उम्र और विशेष योग्यता की जरुरत नही होती है। कम्युनिटी कॉलेज में मुख्य रूप से 6 माह से 1 साल तक का कोर्स संचालित किये जाता हैं, जिनमें हेल्थ सेक्टर, कृषि, ऑटोमोबाइल, मीडिया एवं आईटी सेक्टर की प्रशिक्षण दी जाती हैं।
विदेशों में कम्युनिटी कॉलेज का कंसेप्ट कई सालों से चल रहा है। भारत में मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा पिछले कुल सालों से इसकी पहल की गई है। बिहार में यह कंसेप्ट बिल्कुल नया है और धीरे-धीरे इसकी पहुँच बढ़ रही है। वर्तमान में राज्य में बारह कम्युनिटी कॉलेज चल रहें है और पन्द्रह कम्युनिटी कॉलेज का प्रस्ताव लंबित हैं। लेकिन मांग के अनुसार से सैकड़ों कम्युनिटी कॉलेजों की जरूरत है। आज के दौर में इसप्रकार के रोजगारोन्मुख कोर्स का होना आवश्यक हो गया है, यह कोर्स काफी सस्ता एवं सुविधानुसार होता है। बिहार में ज्यादातर युवा पैसे के अभाव में अच्छे प्रशिक्षण या कोर्स नही कर पाते, उन युवाओं को इस प्रकार के कोर्स से काफी फायदा मिलेगा। कम्युनिटी कॉलेज खोलने के पीछे मंशा यही है कि समाज के पिछड़े एवं निर्धन युवक युवतियों का भी समुचित कौशल विकास हो सके।

केन्द्र सरकार भी बिहार में कम्युनिटी कॉलेज खोलने के लिए लाखों रुपये स्वीकृत कियें है। उम्मीद है कि कम्युनिटी कॉलेज से बिहार के विकास एवं शिक्षा को एक नया आयाम मिलेगा।

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